हमारे दैनिक जीवन में, खाँसी-जुकाम की तरह सामान्य हो चुका डिप्रेशन अर्थात अवसाद एक रोग नहीं दौर है जो प्रायः स्वतः ही समाप्त हो जाता है। परंतु जब ऐसा नहीं होता है और यह स्थिति आत्महत्या के विचारों के साथ, कई महीनो तक बनी रहती है। तो हमें, तुरंत मनोचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। यद्यपि इसका इलाज काउंसलिंग से भी हो सकता है परंतु दवा की जरूरत भी पड़ती है। डिप्रेशन का लम्बे समय तक रहना (तीन या चार महीने से अधिक), मस्तिष्क में Serotonin नामक केमिकल (हारमोन) के असंतुलन का सूचक है।
डिप्रेशन हमारे जीवन में घमंड की तरह चुपके से प्रवेश करता है और हमें पता भी नहीं चलता। जिस तरह ‘घमंड’ हमारे अंतर्वैयक्तिक संबंधों (Inter Personal Relation) को तहस-नहस कर डालता है ठीक उसी तरह डिप्रेशन भी, हमारे व्यक्तित्व को, हमारी समझ को, दीमक की तरह चाट डालता है, और हमे बेचारगी, अकेलेपन व उदासी के अंधे कुएँ मे गिरने पर मजबूर कर देता है। व्यक्ति को इस अंधे कुएँ से बाहर निकालने में उसके परिवार एवं मित्रों का बड़ा योगदान होता है।
अवसाद (Depression) के लक्षण (SYMPTOMS)
- नींद न आना
- नींद का बार-बार टूटना
- भूख न लगना
- चिंता, घबराहट, एवं बेचैनी
- अकेलापन, बेचारगी, एवं मन की उदासी
- सेक्स में अरुचि
- खोया-खोया रहना
- गुमसुम व चुपचाप रहना
अवसाद के कारण (Causes of Depression)
- Lack of Communication अर्थात् बातचीत में कमी या संवादहीनता
- Lack of Confidence अर्थात् आत्म विश्वास में कमी
- Break of Expectation in overpath from other relatives अर्थात् उम्मीदों का टूटना
- Lack of Goals and Dreams अर्थात् जीवन में सपनों व लक्ष्यों का अभाव
- Complexes (Inf. & Sup.) अर्थात् हीनभावनाएँ
- Continuons Failure अर्थात् लगातार असफलताएँ
- Dependent on others अर्थात् दूसरों पर निर्भरता
- Break of Joint Family System अर्थात् संयुक्त परिवारों का टूटना
- Negative Thinking अर्थात् निराशावादी सोच
- Unclear Life Philosophy अर्थात् अस्पष्ट जीवन दर्शन
Depression (अवसाद के उपचार)
- Catharsis अर्थात् मन की बातें बाहर निकालना
- Relaxation Techniques अर्थात् रिलैक्सेशन की विधियाँ
- Change in Lifestyle अर्थात् जीवनशैली में परिवर्तन
- Positive Thinking अर्थात् सकारात्मक सोच
- Medication अर्थात् दवाओं के माध्यम से उपचार
- Control on Expectation अर्थात् उम्मीदों पर नियंत्रण
- Self-Analysis अर्थात् आत्म-विश्लेषण करना
- Self-Confidence अर्थात् आत्म-विश्वास उत्पन्न करना
- Changes in Communication Style अर्थात् बातचीत के ढंग में सुधार लाना
- Stress management अर्थात् तनाव को नियंत्रित करना
- Supportive System अर्थात् सहारा देना
- Keep Busy in Service, Business – Profession नौकरी, व्यपार, व्यवसाय व अपने शौक में व्यस्त रहें।
शारीरिक व मनोवैज्ञानिक अभ्यास (Physical & Mental Exercise)
- रोज सुबह दोस्त या परिवार के साथ घूमने जाएँ व शारीरिक व्यायाम करें।
- उन कामों की सूची बनाकर उनको करें जो आपको खुशी व ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- अपने बचपन के Interests व Hobbies के लिए समय जरूर निकालें।
अगर आप या आपके प्रियजन डिप्रेशन से जूझ रहे हैं, तो देर न करें। दिल्ली के प्रसिद्ध मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डॉ. शशि भूषण कुमार से सलाह लें, जो श्री गणेश सायकेट्री क्लिनिक में अपने अनुभव और विशेषज्ञता के साथ आपका मार्गदर्शन करेंगे। बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए आज ही अपॉइंटमेंट बुक करें और एक नई शुरुआत करें!

Dr. Shashi Kumar, MBBS, MD (Psychiatry), is a highly regarded psychiatrist in Delhi. With extensive education from esteemed institutions like Patna Medical College & Hospital and AIIMS, he has built a strong foundation in the field. Dr. Kumar’s expertise spans Adult Psychiatry, Depression, Anxiety, Old Age Problems, Epilepsy, Chronic Headaches, Psychosexual Disorders, and Addiction. He currently operates the Sri Ganesh Psychiatry Clinic in Shalimar Bagh and Rohini Sector 16, providing exceptional care to patients. Alongside his commitment to the Indian Spinal Injuries Centre, he also serves at Max Hospital in Shalimar Bagh. Dr. Kumar’s reputation as one of the best psychiatrists in Delhi stems from his deep knowledge, experience, and dedication to improving mental health.