आत्म विश्वास की शक्ति और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: डॉ. शशि भूषण कुमार का मार्गदर्शन
प्रकृति का नियम है कि जब वह किसी व्यक्ति में कोई कमी छोड़ती है तो उस कमी की क्षतिपूर्ति के लिए उस व्यक्ति को कुछ विशेष गुण भी देती है। उदाहरण के लिए प्रकृति एक जन्मांध व्यक्ति को कल्पनाशीलता, अनुमान लगाने की क्षमता, निर्भीकता, बेबाकी व गायन कला में निपुणता के गुण वरदान के रूप में दे सकती है।
एक गूंगे व बहरे व्यक्ति को एकाग्रता, निपुणता व कुशलता के विशेष गुण देती है। ठीक इसी तरह से जब हमारे जीवन में दुःख, समस्याएँ व परेशानियाँ हमें चारों तरफ से घेर लेती हैं, हमारे सभी विकल्प खत्म हो जाते हैं, हमारे संसाधन व ऊर्जा समाप्त हो जाते हैं. हिम्मत बँधाने वाला, सांत्वना देने वाला कोई नहीं होता। मदद करने को, सहारा देने को कोई तैयार नहीं होता। चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आता है। तब उस अंधकार में से एक दुर्लभ व अनोखी शक्ति का जन्म होता है और यह दुर्लभ व अनोखी शक्ति है ‘आत्म विश्वास’। प्रकृति हमारे जीवन में आने वाले सभी दुःखों, समस्याओं, बीमारियों व परेशानियों से लड़ने व उन्हें हराने के लिए, यह शक्ति हमें उपहार में देती है।
आत्म विश्वास की ताकत का वर्णन करते हुए कबीर ने लिखा है —
“मन के हारे हार है, मन के जीते जीत, परमात्म को पाइए, मन के ही प्रतीत”
अर्थात् मन के हारने व जीतने से ही हम दुःखों व परेशानियों से हारते व जीतते हैं। मन की शक्ति या आत्म विश्वास में तो इतनी ताकत है कि इसके सहारे हम भगवान को भी प्राप्त कर सकते हैं।
सच में, यह आत्म विश्वास ही तो है जो हममें हिम्मत. धैर्य, साहस, क्षमता, ताकत व दृढ़ता लाता है। नया व अलग करने तथा सोचने की हिम्मत देता है, अन्यायी, अत्याचारी व शोषक से लड़ने की ताकत देता है। सच को सच व गलत को गलत कहने की दृढ़ता देता है। अपनी बात को दृढ़ता पूर्वक कहने की क्षमता देता है।
यह आत्म विश्वास ही तो है जो हमें हमसे मिलाता है, हमारा हमसे परिचय कराता है। यह आत्म विश्वास ही तो है जिसने बुद्ध, महावीर, नानक, ईसा, सुकरात, अरस्तू आदि जैसे समाज सुधारकों, विश्व विजेताओं और वैज्ञानिकों को मानव समाज व सभ्यता को अपने ढंग से बदलने तथा नए रूप में विकसित करने की प्रेरणा व ताकत दी। यह एक छोटे कमल के फूल का आत्म विश्वास ही तो है जो कीचड़ में रहते हुए भी उसे स्वच्छ, निर्मल व गंदगी से अनछुआ रहता है।
कहते हैं, जीवन की 3 मूलभूत आवश्यकताएँ होती हैं — रोटी, कपडा और मकान। परंतु वास्तव में जीवन की 4 मूलभूत आवश्यकताएँ हैं — आत्म विश्वास, रोटी, कपड़ा और मकान।
यदि इनमें पहली आवश्यकता आत्म विश्वास नहीं हैं तो न तो हम रोटी खा सकते हैं, न कपड़े पहन सकते हैं, और न ही मकान में रह सकते हैं और न ही इन्हें पाने के लिए संघर्ष कर सकते हैं।
दुर्भाग्य से आत्त्म विश्वास व घमंड में बहुत ही गहरा व सीधा संबंध होता है। आत्म विश्वास जब अति का पड़ाव पार करके घमंड में बदलता है तो विनाश व बर्बादी का कारण बनता है। रामायण में रावण तथा महाभारत में दुर्योधन इसके सबसे अच्छे उदाहरण हैं। आत्म विश्वास एक भावना या विचार नहीं है, यह तो एक शक्ति है, एक सिद्धि है जिसे दुःखों, परेशानियों व समस्याओं में जलकर ही प्राप्त किया जा सकता है। यह एक तपस्या है जिसमें तप कर ही इसे पाया जा सकता है जैसे कि भगवान बुद्ध व महावीर ने पाया था।
अंत में सरल शब्दों में कहें तो “आत्म विश्वास एक ऐसी शक्ति हैं जिसका जन्म निराशा के घने अंधकार में एक चमकीली रोशनी के रूप में होता है जो हमसे चमत्कार कराती है। असंभव को संभव कराती है और हमारे जीवन में सफलता, खुशी, सुख व शांति का कारण बन हमें नया जीवन प्रदान करती है।”
आत्म विश्वास में कमी के लक्षण
- अटक-अटक कर व हकला कर बोलना
- आँखें चुराकर बातचीत करना
- अस्पष्ट, अधूरी व घुमाने फिराने वाली बात करना
- हर बात में स्पष्टीकरण देने की प्रवृत्ति का होना
- टाल मटोल करने की आदत का होना
- असफलताओं की जिम्मेदारी दूसरों पर थोपना
- शर्माना व कमजोर इच्छाशक्ति
आत्म विश्वास की विशेषताएँ
- यह सफलता व विकास की नींव है।
- यह असंभव को संभव बनाता है।
- यह संघर्ष व बार-बार प्रयास करना सिखाता है।
- यह अति आत्म विश्वास के रास्ते घमंड में बदलता है।
- इसका आधार मनोवैज्ञानिक पालन-पोषण है।
आत्म विश्वास कम होने के कारण
- नकारात्मक सोच व पलायनवादी दृष्टिकोण का होना।
- अंधविश्वास व परिणामों की अत्यधिक चिंता करना।
- जिम्मेदारी व निर्णय लेने की क्षमता का अभाव होना।
- लगातार असफलताओं व दूसरों पर निर्भरता का होना।
- ऐसे लोगों का अत्यधिक लाड़-प्यार व अति संरक्षणवादी वातावरण में पालन पोषण होना।
- नए व अलग कार्यों व विचारों पर सदा व्यंग्य व डाँट मिलना।
- सदा टोका-टाकी, आदेश निर्देश, हस्तक्षेप, तुलनात्मक पारिवारिक माहौल।
- सफलतापूर्वक किए गए कार्यों में भी सदा कमी व आलोचना मिलना।
- हर खराब काम के लिए स्वयं को जिम्मेदार मानना।
आत्म विश्वास बढ़ाने के तरीके
- कई कार्य एक साथ आने पर हमेशा सबसे पहले वे कार्य करें जो सबसे आसान हो।
- बड़े व कठिन कार्य को हमेशा छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित करके करें।
- उन कार्यों को करने का प्रयास जरूर करें जिन्हें करने से आपको डर लगता है।
- हमेशा आँखें मिलाकर बातें करें।
- जीवनियाँ व आत्मकथाएँ पढ़ने व देखने की आदत डालें।
- कभी भी परिणामों के बारे में ना सोचें।
- लोगों की टिप्पणियों पर ध्यान न देकर अपने ढंग, योजना व निर्णय के अनुसार कार्य करें।
- भेदभाव रहित आत्म विश्लेषण।
- किसी भी नए, बड़े व महत्वपूर्ण कार्य को करने से पहले उसका बार बार पूर्व अभ्यास, मॉक प्रैक्टिस अवश्य करें क्योंकि कार्य करने से पहले उसका पूर्व अभ्यास हमें आत्मविश्वासी बनाता है।
- जीवन व व्यवसाय में योजना, व्यवस्था व संगठन बनाकर रखें।
- सकारात्मक सोच व खुद निर्णय लेने का अभ्यास करें।
- अपने जीवन, कार्यों व व्यवसाय की कमियों व समस्याओं का पूर्वानुमान करें।
- जैसे हो वैसे दिखो और व्यवहार करो।
- चुनौतियों व डर का सामना करने का प्रयास करें।
- लोग क्या कहेंगे, अच्छा नहीं लगता, सभी करते हैं इसलिए हम भी कर रहे हैं आदि विचारों से अलग होकर सोचें।
- हर विषय पर अपनी सोच विकसित करें।
- किसी भी बात को तर्क की कसौटी पर कसकर ही मानें या करें।
- आर्थिक स्वतंत्रता व सुरक्षा भी आत्मविश्वास बढ़ाती है।
- परिवार के सदस्यों या दोस्तों के साथ एक खेल के रूप में बारी-बारी से खुद का परिचय देने का अभ्यास करें। जैसे: अपना नाम, शिक्षा, परिवार, काम, गुण, विशेषताओं आदि के बारे में बतायें। ऐसा अकेले में शीशे के सामने खड़े होकर भी कर सकते हैं।
- अपने आप कोई अच्छा काम करने या उपलब्धि पाने पर दूसरों से प्रशंसा की उम्मीद व इंतजार न करके खुद की प्रशंसा करें तथा अपने पर गर्व महसूस करें।
- “मैं सब कुछ कर सकता हूँ”, दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं, जो होगा देखा जायेगा, समय सदा एक-सा नहीं रहता’ आदि वाक्यों को बार-बार मन में दोहरायें व जीवन में उतारें।
- अपनी अच्छाइयों, उपलब्धियों, विशेष योग्यताओं, गुणों, लक्ष्यों, सपनों आदि की सूची बना कर उन्हें बार-बार पढ़ें व स्वीकार करें कि ये मेरे अंदर मौजूद हैं।
अंत के कुछ शब्द
आत्म विश्वास जीवन में सफलता और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमें विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करने की शक्ति देता है और हमें अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर करता है। आत्म विश्वास की कमी मानसिक परेशानियों का कारण बन सकती है, जिनके इलाज के लिए एक योग्य मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है। यदि आप आत्म विश्वास की कमी या मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो एक अनुभवी psychiatrist in Delhi, जैसे कि Dr. Shashi Bhushan Kumar से मार्गदर्शन प्राप्त करना सहायक हो सकता है। डॉ. कुमार मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का इलाज करते हैं और आपके आत्म विश्वास को पुनः सुदृढ़ करने में मदद कर सकते हैं। सही उपचार और मार्गदर्शन से आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

Dr. Shashi Kumar, MBBS, MD (Psychiatry), is a highly regarded psychiatrist in Delhi. With extensive education from esteemed institutions like Patna Medical College & Hospital and AIIMS, he has built a strong foundation in the field. Dr. Kumar’s expertise spans Adult Psychiatry, Depression, Anxiety, Old Age Problems, Epilepsy, Chronic Headaches, Psychosexual Disorders, and Addiction. He currently operates the Sri Ganesh Psychiatry Clinic in Shalimar Bagh and Rohini Sector 16, providing exceptional care to patients. Alongside his commitment to the Indian Spinal Injuries Centre, he also serves at Max Hospital in Shalimar Bagh. Dr. Kumar’s reputation as one of the best psychiatrists in Delhi stems from his deep knowledge, experience, and dedication to improving mental health.