मानसिक समस्याएँ और विशेषज्ञों की सलाह

समस्याएँ जिनके लिए आपको मानसिक विशेषज्ञों से मिलना पड़ सकता है। किसी विद्वान ने कहा है कि ‘जीवन एक पहेली है. जिस तरह से, हर पहेली का समाधान है, उसी तरह जीवन की हर समस्या का समाधान होता है। जरूरत सिर्फ हिम्मत, धैर्य, विश्वास व शांत मन से प्रयास जारी रखने की है, परंतु जब हम ऐसा नहीं कर पाते हैं तो ये छोटी-छोटी समस्याएँ इक‌ट्ठी होकर विकराल रूप धारण कर लेती हैं और प्रायः मानसिक रोगों में तबदील होकर मनुष्य का जीना दूभर कर देती हैं।

ये छोटी-छोटी मानसिक समस्याएँ मानसिक रोगों में परिवर्तित हो कर मानव जीवन बर्बाद न करें। सभी प्रकार की मानसिक समस्याओं के मनोवैज्ञानिक समाधान के लिए आप Sri Ganesh Psychiatry Clinic (Dr. Shashi Bhushan Kumar) से संपर्क कर सकते हैं। ये मानसिक समस्याएँ हैं :

1. डिप्रेशन की समस्याएँ

हमारे देश में डिप्रेशन देश के आर्थिक विकास, औद्योगीकरण, सामाजिक पाश्चात्यकरण, संबंधों के व्यावसायीकरण के साइड इफेक्ट के रूप में तेजी से फैल रहा है। इसमें प्रायः भूख न लगना, नींद न आना, सेक्स में अरुचि, हेल्पलेसनस, होपलेनेस, वर्थलेसनेस, आत्महत्या के विचार, चिंता, घबराहट, बेचैनी, बेचारगी, आदि की समस्याएँ होती हैं। डिप्रेशन एक समस्या या बीमारी नहीं एक फेज (दौर) है जो कुछ समय पश्चात प्रायः स्वतः ही समाप्त हो जाता है। ऐसा न होने पर तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

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2. आपसी संबंधों में समस्याएँ

आपसी संबंधों में समस्याओं ने अनेकों बार इतिहास बदले हैं। पति-पत्नी, बच्चे और माता-पिता, अध्यापक विद्यार्थी, सास-बहू, दोस्ती, प्यार, ननद भाभी, देवरानी जेठानी आदि के संबंधों में समस्याएँ आती हैं तो व्यक्ति परिवार, समाज के साथ देश की बर्बादी निश्चित होती है।

3. सेक्स संबंधित समस्याएँ

सृष्टि का सूजन सेक्स द्वारा ही हुआ है। सेक्स के बिना जीवन संभव नहीं। रिसर्चों से सिद्ध हुआ है कि हमारी 99 प्रतिशत सेक्स संबंधी समस्याएँ, जैसे: हस्तमैथुन व मासिक चक्र (मैनसिज) से संबंधित भ्रांतियाँ, लिंग में उत्तेजना की समस्या, जल्दी डिस्चार्ज होने की समस्या, सहयोग में कमी की समस्या, जल्दी थकान की समस्या, बच्चों खासतौर से लड़कियों के साथ बचपन में हुए शारीरिक व मानसिक दुर्व्यवहार के कारण सेक्स के प्रति घृणा उत्पन्न होने की समस्या आदि का कारण मनोवैज्ञानिक है।

4. बच्चों व किशोरों से संबंधित समस्याएँ

कितनी अजीब बात है कि, अन्य सभी समस्याओं के विपरीत, सिर्फ बच्चों की समस्याएँ ही ऐसी हैं, जिनके जिम्मेदार वे स्वयं (बच्चे) नहीं होते बल्कि, उनके पेरेंट्स, टीचर, उनके आस पास का वातावरण व उनके दोस्तो द्वारा अनजाने में किए गए भावुक निर्णय व व्यवहार होते हैं। उसके दुष्परिणाम सिर्फ बच्चों को ही भुगतने पड़ते हैं। बच्चों से संबंधित कुछ समस्याएँ निम्न हैं:

शिक्षा से संबंधित समस्याएँ

टाइम टेबल का महत्व, याद करने की मनोवैज्ञानिक विधियाँ, परीक्षा भवन में पेपर देने का तरीका, बच्चे स्कूल जाते समय रोते क्यों हैं, बच्चे स्कूल से भागते क्यों हैं, अचानक कम नंबर क्यों आते है, पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगता है आदि।

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व्यवहार संबंधी समस्याएँ

बच्चे झूठ क्यों बोलते हैं, बच्चे चोरी क्यों करते हैं, भाई बहन लड़ते क्यों हैं, बच्चे शर्माते क्यों हैं, बच्चे घर से क्यों भाग जाते हैं, बच्चे दूध क्यों नहीं पीते हैं, बच्चे ज्यादा प्रश्न क्यों पूछते हैं, बच्चे हमेशा रोते क्यों हैं आदि।

कैरियर चुनने में समस्याएँ

हम बच्चों को, दोस्तों के दबाव या माता पिता की इच्छा की बजाय, अपनी क्षमता, रुचि, विशेष योग्यता, अभिरुचियों, परिवार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रख कर, उसका कैरियर चुनने में मदद करते हैं। इसके अलावा बच्चों की अन्य खराब आदतों, अंगूठा चूसने, बिस्तर में पेशाब करने, सिर के बाल उड़ने, हकलाने, अस्पष्ट बोलने, सोते समय बड़बड़ाने, नींद में चलने, आदि से संबंधित समस्याओं का भी इलाज किया जाता है।

5. बुजुर्गों की समस्याएँ

हम, बुजुर्ग लोगों को, अपने को, अयोग्य मानने, असुरक्षा की भावना. दूसरों से अत्यधिक उम्मीद लगाने, आत्म विश्वास की कमी, अपने अनुभवों को दूसरों से न बाँट पाने की बेचैनी, बदली परिस्थितियों को स्वीकार न करके अपने में बदलाव ना लाने की जिद. दूसरों पर निर्भरता, नई पीढ़ी से समायोजन को समस्या, अपने शरीर के प्रति लापरवाह होने, जैसी समस्याओं से बाहर निकलने में मदद करते हैं। भुलने की समस्या का भी समाधान है।

6. इनके अलावा

नशे की समस्या और सभी प्रकार के मानसिक रोगों, जैसे ओ.सी. डी., सिजोफ्रेनिया, साइकोसोमेटिक, मेनिया आदि से पीड़ित मरीजों के लिए इलाज की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

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